Naturopathy is a natural, easy and omnipresent way to detoxify the body and enhancing pranic force in the body. It cures all dormant diseases. There is no need for medication or surgery, that’s why no side effect. It cures disease from root. It works in two ways i.e. get rid of all ailment speedily and educates to adopt a natural way of life to remain healthy. Yoga: Lord Shiva is the eternal inspirer of yoga which provides peace of the mind and efficiency in working.
Health is Wealth
Tuesday, June 30, 2020
त्रिफला - Triphala
Monday, June 29, 2020
आँवला - Amla
Sunday, June 28, 2020
तुलसी - Basil
तुलसी हिंदू संस्कृति में एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसे उगाना आसान है। तुलसी के पौधे ज्यादातर हिंदू परिवार के आंगन में पाए जाते हैं। तुलसी को देवी धन या लक्ष्मी की देवी के रूप में पूजा जाता है जो समृद्धि और शांति का प्रतीक है। तुलसी के पत्तों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। तुलसी की जड़ों या तनों से बनी मालाओं को तुलसी माला कहा जाता है, जिसे पहनने वाले के लिए शुभ माना जाता है। तुलसी के पत्तों की खुशबू हवा में फैलने से यह वातावरण को शुद्ध करती । हानिकारक कीटाणु, कीड़े, मच्छर और मक्खियाँ नहीं पनपते हैं। तुलसी के पत्तों का उपयोग हर्बल चाय में किया जाता है और पत्तियों का काढ़ा भी बनाया जाता हैं। पत्तियों को पीस कर एक पेस्ट बनाते हैं जो मुंहासों और फुंसियों पर इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी का तेल कई बीमारियों के लिए भी फायदेमंद होता है। तुलसी में उर्सोलिक एसिड एक सक्रिय तत्व है जो कैंसर के लिए अच्छा माना जाता है। पाउडर और पेस्ट के रूप में तुलसी के पत्तों का उपयोग कई चिकित्सा और सौंदर्य प्रसाधनों में एक घटक के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान में, तुलसी के पत्तों का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के लिए दवा के रूप में किया जाता है।
आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, तुलसी के पत्ते बहुत ही उपयोगी होते हैं और विभिन्न बीमारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके आवश्यक तेलों का उपयोग प्राचीन काल से कई बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग होता आ रहा है। प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी के पत्तों में पाए जाने वाले आवश्यक तेल, प्रभावी रूप से हमारे श्वसन तंत्र पर कार्य करते हैं। यह एंटीऑक्सिडेंट यानी विटामिन ए और सी से भरपूर होता है जो तनाव, मधुमेह, और उच्च रक्तचाप जैसी परिस्थितयों को कम करने में मदद करता है। तुलसी में लिनोलिक एसिड होता है जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी के पत्तों में विभिन्न प्रकार के गुड़ पाए जाते हैं जो एलर्जी, संक्रमण और अनेक रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। तुलसी के पेस्ट या पत्तियों के पाउडर का उपयोग हर्बल और कॉस्मेटिक उत्पादों में लंबे समय से इस्तेमाल किया गया है क्योंकि इसमें शुद्धिकरण, डिटॉक्सिफाइंग और क्लींजिंग गुण होते हैं। नीम, गिलोय, हल्दी, और तुलसी के पत्तों के पेस्ट को इन अन्य जड़ी बूटियों के साथ मिलाया जाता है, और जब इस पेस्ट को मुंहासों और फुंसियों पर लगाया जाता है, तो यह रिपीट ब्रेकआउट की कम संभावना के साथ राहत सुनिश्चित करता है।
तुलसी की हजार किस्में हैं, लेकिन अधिकतर दो प्रकार की पाई जाती हैं।
तुलसी दो प्रकार की होती है:
1. बैंगनी रंग को श्याम तुलसी या श्यामा तुलसी कहा जाता है
2. हरे रंग को राम तुलसी या रामा तुलसी कहा जाता है
लगभग दोनों प्रकार की तुलसी में समान गुण होते हैं।
तुलसी के पत्तों को व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है और कई भारतीय घरेलू उपचारों में आमतौर पर तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल होता है। नियमित बुखार से लेकर सबसे घातक बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण तक - तुलसी कुछ हद तक ठीक करने में मदद करती है, अधिकांश बीमारियों के इलाज की सुविधा प्रदान करती है। नेचुरोपैथी डॉक्टर के सुझाव के अनुसार, तुलसी के पत्तों को और 1 - 2 ग्राम काली मिर्च पानी में मिलाकर, उबालकर बनाए गए पेय का सेवन करने से यह अनेक बिमारियों में बहुत ही लाभ मिलता है। यह पेय आपकी प्रतिरक्षा के निर्माण में मदद करता है, एक जीवाणुरोधी तत्व के रूप में कार्य करता है, और डेंगू से उबरने में मदद करता है। काढ़ा बनाने के लिए - उबलते गर्म पानी में अदरक, हल्दी, तुलसी के पत्ते, काली मिर्च, गिलोय, और दालचीनी पाउडर का मिश्रण प्रयोग करते है। आमतौर पर यह एक औषधि के रूप में देखा जाता है जो ज्यादातर बीमारियों को ठीक कर देता है । इनके अलावा भी यह अन्य लाभकारी गुणों का एक भंडार होता है।
तुलसी के लाभ:
1. तुलसी में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुड़ पाए जाते है :
यह फाइटोन्यूट्रिएंट्स, विटामिन ए और सी आदि के कारण वायरस, बैक्टीरिया से संबंधित संक्रामक रोगों को ठीक करता है। यह त्वचा की बीमारियों का इलाज करने में बहुत प्रभावी है, यह खुजली, दाद आदि के लिए बहुत उपयोगी होता है, यह शरीर के अंगों की फ्रीरेडिकल्स से रक्षा भी करता है। फ्रीरेडिकल्स किसी भी प्रकार के तनाव और व्यायाम आदि के कारण हो सकते हैं।
2. तुलसी में एंटी-वायरल और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुड़ होते है :
इसमें बहुत सारे प्राकृतिक तत्व होते हैं जो वायरस और कई प्रकार के कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता हैं। इसका काढ़ा सिर दर्द, बुखार, मलेरिया, डेंगू, फ्लू, कोरोनावायरस और हेपेटाइटिस के लिए बहुत ही अच्छा होता है।
3. तुलसी डिटॉक्सिफाइंग और क्लींजिंग एजेंट का काम करती है :
यह रक्त को शुद्ध करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में बहुत मददगार होता है। यह गैस्ट्रो इंटेस्टाइन सिस्टम को साफ करता है और खराब बैक्टीरिया को हटाता है। यह शरीर की पाचन क्रिया दर में सुधार करने के लिए बहुत सहायक है। यह विटामिन ए, और सफाई गुणों के कारण त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। तुलसी का सेवन करना और त्वचा पर लगाना, किसी भी रूप में प्रयोग किया जाता है।
4. रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए अच्छी होती है:
यह श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों यानी खांसी, जुकाम, फ्लू, गले की खराश, और छाती केजकड़न के लिए बहुत ही अच्छी होती है। यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस और तपेदिक को ठीक करने में भी मदद करती है।
5. त्रिदोष का नाश करने वाली:
आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी गैस, एसिड और कफ का नाशक है। ज्यादातर बीमारियां गैस, एसिड और कफ के असंतुलन के कारण होती हैं। तुलसी के पत्ते इन्ही तीनों दोसें को संतुलित बनाए रखने के लिए काफी उपयोगी होते हैं।
6. तुलसी कोलेस्ट्रॉल कम करती है:
यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक, और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण के कारण, यह लिवर की कार्य क्षमता को बढ़ाती है। ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल लिवर द्वारा निर्मित होता है। जब लिवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है तो लिवर पित्त बनाने के लिए रक्त से कोलेस्ट्रॉल ले लेता है और अन्य हार्मोन और एंजाइम प्रतिक्रियाओं का उत्पादन करने में कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करके, अपना कार्य करता है। इसीलिए तुलसी कोलेस्ट्रॉल को धीरे-धीरे कम करने में बहुत ही फायदेमंद है।
7. यह इम्युनिटी को बढ़ाती है:
यह इम्युनिटी को बढ़ाती है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। इसमें बहुत सारे शक्तिशाली फाइटोन्यूट्रिएंट्स, आवश्यक तेल, विटामिन ए और सी भरपूर मात्रा में पाए जाते है।
8. तुलसी पाचन तंत्र के लिए अच्छी होती है:
यह पाचन शक्ति को बढ़ाती है और कीड़ो को मारती है। उल्टियों को तुरंत रोकने में बहुत ही उपयोगी होती है। यह वजन कम करने के लिए भी अच्छी होती है क्योंकि शरीर की पाचन क्रिया दर को बढ़ाती है।
9. तुलसी दिमागी शक्ति में सुधार करती है:
यह मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्य को बेहतर बनाती है जो कि मानसिक कमजोरी को दूर करने में बहुत ही मददगार होता है और याददाश्त में सुधार करती है। यह शारीरिक परिश्रम से विश्राम भी प्रदान करने में सहायक होती है।
10. तुलसी को हर्बल चाय में उपयोग किया जाता है:
इसका उपयोग हर्बल चाय, हर्बल सप्लीमेंट और त्वचा से संबंधित अन्य हर्बल उत्पादों को तैयार करने के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है, इसलिए हर्बल चाय सूजन कम करने में बहुत प्रभावी है और पाचन तंत्र में सुधार करती है। तुलसी के पत्तों या अच्छी गुणवत्ता वाले तुलसी के सप्लीमेंट्स को खाली पेट इस्तेमाल किया जाता है यह पेट के कीड़ेां को मारने में सहायक होती है।
11. यह शांत प्रभाव प्रदान करती है:
तुलसी तनाव, रक्तचाप, और चिंता को कम करने के लिए उपयोगी है। मूल रूप से यह तनाव हार्मोन - कोर्टिसोल और अन्य हार्मोन को बनाने में सहयोग करती है जो शरीर में तनाव को कम करने के लिए मुख्य रूप से मदद करता है।
12. यह एंटी डायबिटीज होती है:
13. तुलसी दंत स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है:
14. तुलसी यूरिक एसिड को नियंत्रित करती है:
15. तुलसी कीड़ों के लिए प्रभावी रेपेलेंट का काम करती है:
तुलसी को कैसे और कब उगाना है?
तुलसी का उपयोग कैसे करें:
निष्कर्ष:
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